मुंबई, (प्रतिनिधि):
केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हाल ही में देश में संरक्षित क्षेत्रों में तेंदुओं की जनगणना पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इनमें मध्य प्रदेश पहले, महाराष्ट्र दूसरे और कर्नाटक तीसरे स्थान पर है.
यह घोषणा की गई है कि देश के संरक्षित वन क्षेत्रों में तेंदुओं की संख्या लगभग 13 हजार 874 है। पांचवीं तेंदुआ जनगणना रिपोर्ट प्रकाशित। यह रिपोर्ट राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण, भारतीय वन्यजीव सोसायटी ने देश के विभिन्न राज्यों के वन विभागों की मदद से तैयार की है। इसके मुताबिक, महाराष्ट्र के संरक्षित वन क्षेत्रों में तेंदुओं की संख्या लगभग एक हजार 985 बताई जा रही है।
2018 में यह संख्या एक हजार 690 थी. इस संख्या में 122 तेंदुए और जुड़ गये हैं. रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि राज्य के संरक्षित क्षेत्रों में पाई जाने वाली कुल आबादी का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा संरक्षित वन क्षेत्रों से बाहर रहता है। विदर्भ के पेंच, बोर, नवेगांव नागजीरा, मेलघाट और ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में तेंदुए का आवास घनत्व 2018 की तुलना में बढ़ गया है। रिपोर्ट में सह्याद्री टाइगर रिजर्व में तेंदुए के निवास स्थान के घनत्व में वृद्धि का भी उल्लेख किया गया है।
तेंदुओं की संख्या: 3,907 मध्य प्रदेश, 1,985 महाराष्ट्र, 1,879 कर्नाटक, 1,070 तमिलनाडु
2018 और 2022 में महाराष्ट्र राज्य में परियोजनाओं और ब्रैकेट की संख्या: बोर (37, 45), मेलघाट (181, 233), नवेगांव नागजीरा (116, 140) पेंच (70, 112) ताडोबा (129, 148) सह्याद्रि (87,135)