[ रूपरेखा : (1) प्रस्तावना (2-3) जन्म और बचपन (4) वैज्ञानिक उपलब्धियाँ (5) युग पर अमिट छाप (6) संदेश (7) उपसंहार ]
संसार में भिन्न-भिन्न आविष्कार करने वाले एक से बढ़कर एक वैज्ञानिक हुए हैं। सबकी उपलब्धियों का अपना-अपना महत्त्व है, परंतु जिस वैज्ञानिक की उपलब्धियों ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया है, उसका नाम है-टॉमस अल्वा एडिसन।
एडिसन का जन्म 11 फरवरी, 1847 को अमेरिका के ओहियो राज्य के मिलन नगर में हुआ था। वे बचपन से ही जिज्ञासु स्वभाव के थे।
वैज्ञानिक प्रयोगों की धुन भी उन्हें बचपन से ही थी। स्कूल की पढ़ाई में मन न लगा, तो माँ के प्रोत्साहन से वे घर में ही छोटे-छोटे प्रयोग करने लगे। बारह वर्ष की आयु में उन्होंने ट्रेन में अखबार बेचना शुरू किया। प्रयोगों का भूत वहाँ भी उनके सिर से न उतरा। ट्रेन का डिब्बा ही उनकी प्रयोगशाला बन गया।
धीरे-धीरे एडिसन के प्रयोग सफल होने लगे। उन्होंने उस समय प्रचलित तार-यंत्र में कई सुधार किए। टेलीफोन का मूल आविष्कार तो ग्राहम बेल ने किया था, पर उसमें कुछ कमियाँ थीं। उन कमियों को एडिसन ने दूर किया। टेलीफोन को वर्तमान रूप देने वाले एडिसन ही थे। ट्रेनों का समय दर्शाने वाला इंडीकेटर भी उन्होंने बनाया था। उनका सबसे महत्त्वपूर्ण आविष्कार है – बिजली के बल्बों में विद्युतधारा प्रवाहित करना। जिस विदयुत ने आज हमारे जीवन में तरह-तरह की सुविधाएँ प्रदान की हैं, उसके आविष्कार का सारा श्रेय एडिसन को ही है। मनोरंजन की दुनिया में क्रांति लाने वाले सिनेमा के प्रोजेक्टर का आविष्कार भी एडिसन ने ही किया
था।
एडिसन के आविष्कारों ने हमारे जीवन को अनेक सुख-सुविधाओं से संपन्न बनाया है। जीवन का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जिसमें उनका कोई योगदान न हो। उन्होंने छोटे-बड़े लगभग 1300 आविष्कार किए हैं। अपने आविष्कारों के द्वारा इस युग पर उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। इसीलिए वे मेरे प्रिय वैज्ञानिक हैं।
एडिसन के जीवन का सबसे बड़ा संदेश है-निरंतर परिश्रम। वे मानते थे कि उनकी सफलता में 1 प्रतिशत हिस्सा भाग्य का और 99 प्रतिशत हिस्सा उनके कठोर परिश्रम का है।
सचमुच, एडिसन एक महान वैज्ञानिक थे। 18 अक्तूबर, 1931 को 84 वर्ष की उम्र में विज्ञान के इस जादूगर ने विश्व से सदा के लिए विदा ली। उनकी शवयात्रा में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्र प्रमुख आइजन हूवर भी शामिल हुए.