0 1 min 11 mths

English speaking इंग्लिश बोलने में कहीं रुक जाने पर या गलती हो जाने पर या असफल हो जाने पर प्राय: हम यह सोचने लगते हैं कि आखिर लोग हमारे बारे क्या कहेंगे। हम श्रोताओं के दिल में अपनी इमेज के बारे में अधिक चिंतित हो जाते हैं। यह हमारी कामयाबी की राह में आगे बढ़े पैरों में सबसे बढ़ी बेड़ी का कार्य करता है। लिहाजा बिना घबराहट के इंग्लिश बोलने के लिए खुद की काबिलियत पर अडिग विश्वास जरूरी है। श्रोता क्या सोचते हैं और क्या सोचेंगे ऐसा मन में विचार करने पर हम कभी भी बिना घबराहट के इंग्लिश नहीं बोल सकते हैं।

अपने प्रोफेशनल लाइफ की एक सच्ची घटना है जिसके कथ्य काफी प्रेरणादायी हैं। एक दिन एक छात्र जो पढ़ने में काफी होशियार था, स्कूल कैंपस में बड़ी चिंता में अकेले बैठा हुआ था। जिज्ञासावश उस लड़के के पास गया और सिर पर हाथ रखकर मैंने उसकी चिंता का कारण पूछा। पहले तो वह थोड़ी देर के लिए चुप रहा किन्तु जब मैंने प्यार से दुबारा पूछा तो उसने कहा, ‘सर मुझे सभी विषय अच्छे लगते हैं और परीक्षाओं में उन सभी में मुझे अच्छे मार्क्स भी आते हैं। मुझे इंग्लिश से भी कोइ प्राब्लम नहीं है। बस केवल मुझे इंग्लिश बोलना नहीं आता है। जब भी अपने दोस्तों या पब्लिक मंच पर इंग्लिश में बोलना शुरू करता हूं तो ऐसा लगता है कि गोया किसी ने मेरे जीभ बांध दिए हों। अच्छी तरह से सीखे शब्द भी ऐसे गायब हो जाते हैं कि ऐसा लगता है कि मैंने उन शब्दों को कभी सुना ही नहीं हो। दर्शक मुझे मेरी आंखों में बुरी तरह से घूरते हुए प्रतीत होते हैं और ऐसा लगता है कि वे मेरे सबसे बड़े दुश्मन हैं। बोलने के लिए बहुत कुछ होता है लेकिन मंच पर जाते ही सब कुछ भूल जाता हूं। गलती करने का डर इतना अधिक होता है कि आगे कुछ बोल नहीं पाता हूं। शर्मिंदगी इतनी अधिक होती है कि मैं खुद में सिमटता चला जाता हूं। बहुत कोशिश करने पर भी कुछ लाइंस ही बोल पाता हूं। अब सर आप ही बताएं कि इस तरह की परिस्थिति में मैं कितना असहाय और बेचारा महसूस करता होऊंगा। धाराप्रवाह और बिना हिचक के इंग्लिश बोलने के लिए कुछ उपाय हो तो बताइए।’

सच पूछिए तो बिना हिचक के इंग्लिश बोलने की समस्या केवल उस लड़के की नहीं है । यह एक आम समस्या है जिसका हर वक्त सामना करता है। लेकिन इसका अर्थ कदापि भी यह नहीं है कि इस समस्या का समाधान संभव ही नहीं है। आनेवाले पैराग्राफ में ऐसे ही कुछ उपाय दिए गए हैं जिसे फालो करने के बाद बिना हिचक के इंग्लिश बोलने की कला पर मास्टरी हासिल की जा सकती है।

विचित्र नहीं है इंग्लिश बोलने में हिचकिचाहट का होना

इंग्लिश बोलने के क्रम में रुकना या फिर घबराहट का होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और इसमें कुछ भी विचित्र नहीं है। बिना घबराहट और बिना रुके केवल न्यूजरीडर या टेलीविजन शो के ऐँकर ही बोल सकते हैं। वे ऐसा अपने सामने रखे मॉनिटर या टेलीप्राम्पटर को देखकर करते हैं। इसीलिए इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझ लेने की जरूरत है कि धाराप्रवाह इंग्लिश नहीं बोल पाने का अथ कभी भी आपकी अक्षमता नहीं है, आपके द्वारा हासिल किए गए ज्ञान की अपूर्णता नहीं है। यह सहज और स्वाभाविक है। किंतु इसका अर्थ यह भी नहीं है कि हम बिना घबराहट के अंग्रेजी बोलना सीख ही नहीं सकते हैं। निरंतर प्रयास और अभ्यास से इस दिशा में अवरोधों को दूर किया जा सकता है। आत्मविश्वास धुरी है

किसी भी कार्य को करने के लिए आत्मविश्वास का होना जरूरी होता है। इसके बगैर प्रतिभा और हुनर के होने के बावजूद किसी डोमैन में कामयाबी की राहें कभी भी आसान नहीं होती हैं। जीवन में सफलता का यह सूत्र फ्लूअन्टली इंग्लिश स्पीकिंग बोलने की कला में भी समान रूप से लागू होता है। यदि हम इंग्लिश बोलने के पूर्व ही घबरा जाएं और इस घबराहट पर नियंत्रण नहीं कर पाएं तो फिर हम कभी भी धाराप्रवाह इंग्लिश नहीं बोल सकते हैं। शुरू में पब्लिक स्पीकिंग में घबराहट सामान्य प्रक्रिया है लेकिन समय के साथ इस पर नियंत्रण करना जरूरी हे, यह नियंत्रण बिना आत्मविश्वास के संभव नहीं है। लिहाजा जब भी इंग्लिश बोलें अपने कॉन्फिडन्स का गिरने नहीं दें।

गलतियों की फिक्र नहीं करें

गलतियां करने का भय सफलता की राह में बड़ी बाधा के रूप में कार्य करती है। हम अक्सर गलतियां करने के भय से या तो कार्य करना शुरू ही नहीं करते या फिर शुरू किए गए काम को अधूरा छोड़ देते हैं। यही साइकॉलजी अच्छी तरह से इंग्लिश बोलने की कला में भी निर्भर करता है। इंग्लिश बोलने के पहले ही गलतियाँ करने का डर हमें इस तरह से घेर लेता है कि हम एक अलग दुनिया में जा पहुंचते हैं जहां आत्मविश्वास पूरी तरह से टूट चुका हाता है और घबराहट में हम कुछ सोच नहीं पाते हैं। और यही कारण होता है कि हम धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल नहीं पाते हैं। लिहाजा जब इंग्लिश में बोलने की बारी आए तो मन को समझाने की दरकार है, डर पर नियंत्रण की जरूरत है। ऐसा करने से ही हम बिना घबराए और डरे हुए धाराप्रवाह इंग्लिश बोलने में सफल हो सकते हैं।

ऐसा सबके साथ होता है, कोई भी पूर्ण नहीं होता है

दुनिया के किसी भी कोने में आप जाएँ और यदि आप किसी ऐसे शख्स की तलाश करें जो बिना किसी डिवाइस की सहायता लिए धाराप्रवाह इंग्लिश बोल सकता हो तो आपको घोर निराशा ही होगी। इस हकीकत से इनकार करना कतई आसान नहीं हे कि किसी भाषा के बोलने में पॉज या ठहराव उसकी कुदरती खूबसूरती है। जब हम किसी भाषा को उचित ठहराव के साथ बोलते हैं तो उसे समझना अधिक आसान हो जाता है। मशीन की तरह तेजी से और धाराप्रवाह इंग्लिश बोलना कुदरती हुनर नहीं हे और इसे अच्छा तरह समझ लेने पर इंग्लिश बोलने के प्रति डर और फोबिया खत्म हो जाता है। इसके अतिरिक्त किसी भाषा के बोलने में हिचकिचाहट सब के साथ होता है चाहे वो वक्ता कितना ही बड़ा विद्वान क्यों न हो। इंग्लिश स्पीकिंग के इस मनोविज्ञान में बिना हिचकिचाहट इंग्लिश बोलने का गोल्डन रहस्य छुपा हाता है।

साधना से ही सिद्धि हासिल होती है

किसी डोमैन में सिद्धि की प्राप्ति कठोर साधना और निरंतर अभ्यास से हासिल होती है। किसी कार्य का करने के बाद असफल होने पर उस कार्य को करना छोड़ देने से कभी भी कामयाबी हासिल नहीं हो सकती है। इसके विपरीत कार्य कितना भी कठिन और दुसाध्य क्यों न हो, यदि हम अथक प्रयास करते रहते हैं तो वही कार्य हमारे लिए काफी आसान हो जाता है। इंग्लिश स्पीकिंग में भी निरंतर अभ्यास के महत्व को झुठलाया नहीं जा सकता है। गलतियां और असफलता के बावजूद भी जब हम इंग्लिश बोलना बंद नहीं कर देते हैं तो हम परफेक्शन की तरफ धीरे ही सही किन्तु निश्चित रूप से आगे बढ़ते जाते हैं। इसीलिए लगातार इंग्लिश बोलने की कोशिश करते रहें और यही इस कला में सिद्धि का अचूक रहस्य भी है।

यह मत सोचें कि लोग क्या कहेंगे

इंग्लिश बोलने में कहीं रुक जाने पर या गलती हो जाने पर या असफल हो जाने पर प्रायः हम यह सोचने लगते हैं कि आखिर लोग हमारे बारे क्या कहेंगे। हम श्रोताओं के दिल में अपनी इमेज के बारे में अधिक चिंतित हो जाते हैं। यह हमारी कामयाबी की राह में आगे बढ़े पैरों में सबसे बढ़ी बेड़ी का कार्य करता है। लिहाजा बिना घबराहट के इंग्लिश बोलने के लिए खुद की काबिलियत पर अडिग विश्वास जरूरी है| श्रोता क्या सोचते हैं ओर क्या सोचेंगे ऐसा मन में विचार करने पर हम कभी भी बिना घबराहट के इंग्लिश नहीं बाल सकते हैं। -एसपी शर्मा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

जन्मदिन अस्पताल हत्या के बाद शव नींद सूर्यसेन शिक्षकों भोजन