साइबर ठगों ने बनाया शिकार
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दो साइबर ठगों को गिरफ्तार: रौचक श्रीवास्तव (29, निवासी लखनऊ, उत्तर प्रदेश) और संदीप यादव (26, निवासी खुटेहना, उत्तर प्रदेश)

मुंबई,(express24news.in):

ठाणे में एक 86 वर्षीय वृद्ध को साइबर ठगों ने फर्जी क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर ठगा। ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस का डर दिखाते हुए उनसे 8.65 लाख रुपये ऐंठ लिए। इस मामले में पुलिस ने दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। ठगों की पहचान रौचक श्रीवास्तव (29, निवासी लखनऊ, उत्तर प्रदेश) और संदीप यादव (26, निवासी खुटेहना, उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है।

साइबर ठगों ने

वागले एस्टेट पुलिस ने दोनों आरोपियों से 5.65 लाख रुपये नकद, 5 मोबाइल फोन, 6 सिम कार्ड, 20 डेबिट कार्ड और 9 चेक समेत अन्य आपराधिक सामान बरामद किया है। ठाणे न्यायालय ने दोनों को 21 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

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कैसे ठगे गए वृद्ध?

ठाणे के वागले एस्टेट इलाके में रहने वाले सदानंद पाध्ये (86) को 25 और 26 नवंबर 2024 के बीच एक फोन कॉल आया। कॉलर ने खुद को “राकेश सिन्हा” नामक क्राइम ब्रांच अधिकारी बताया। कॉलर ने वृद्ध को बताया कि उनके नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है और उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी हो चुका है।

कॉलर ने उन्हें इस “मामले को सुलझाने” के लिए 8.65 लाख रुपये एक बैंक खाते में आरटीजीएस के जरिए जमा कराने को कहा। अपनी सुरक्षा के लिए डरे हुए पाध्ये ने ठग की बातों में आकर पैसे ट्रांसफर कर दिए।

पैसे ट्रांसफर करने के बाद पाध्ये को ठगी का एहसास हुआ, और उन्होंने वागले एस्टेट पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस की टीम ने तुरंत मामले की जांच शुरू की।

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कैसे पकड़े गए आरोपी?

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि पाध्ये द्वारा ट्रांसफर की गई रकम लखनऊ के अभिषेक शुक्ला नामक व्यक्ति के खाते में गई थी। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शिवाजी गवारे, निरीक्षक प्रवीण माने और प्रवीण सावंत की टीम ने तकनीकी विश्लेषण और डिजिटल ट्रेल की मदद से आरोपियों की पहचान की।

साइबर ठगों ने

शिक्षित ठगों का संगठित जाल

पुलिस जांच में पता चला कि गिरफ्तार आरोपी रौचक श्रीवास्तव और संदीप यादव पढ़े-लिखे और पेशेवर ठग हैं। श्रीवास्तव ने बी.टेक. और यादव ने बी.एससी. की पढ़ाई की है। इन ठगों ने शुक्ला को यह यकीन दिलाया कि पैसे उनके खाते में “गेमिंग ट्रांजेक्शन” के नाम पर आएंगे। इसके बदले शुक्ला को 1% कमीशन देने का लालच दिया गया था।

जैसे ही पैसे शुक्ला के खाते में पहुंचे, श्रीवास्तव और यादव ने उसे निकाल लिया। जांच में यह भी सामने आया कि इन ठगों ने देशभर के अलग-अलग राज्यों में 59 बैंक खातों का इस्तेमाल करके 60 से अधिक लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है।

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देशभर में फैला ठगी का नेटवर्क

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों और उनके साथियों ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सातारा, और ठाणे के अलावा गोवा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, और केरल जैसे राज्यों में भी अपनी ठगी का जाल बिछाया था।

पुलिस ने बताया कि इन ठगों ने लोगों को अलग-अलग तरीकों से ठगने के लिए फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड का इस्तेमाल किया। फिलहाल पुलिस इनसे पूछताछ कर अन्य ठगी के मामलों की जानकारी जुटा रही है।

सावधानी बरतने की अपील

इस घटना के बाद पुलिस ने नागरिकों को सतर्क रहने और किसी भी अज्ञात कॉल पर निजी जानकारी या पैसे साझा न करने की सलाह दी है। पुलिस का कहना है कि कोई भी कॉल, जिसमें तुरंत पैसे ट्रांसफर करने का दबाव हो, वह ठगी का संकेत हो सकता है। ऐसे मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें।

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