ईडी की जांच में कनाडा के कॉलेजों और भारतीय एजेंटों के जरिए अमेरिका में भारतीयों की अवैध तस्करी का बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है। इस रैकेट में 5200 एजेंट सक्रिय हैं, जो प्रति व्यक्ति 55-60 लाख रुपये वसूलते हैं। हर साल 35,000 से अधिक लोगों को विदेश भेजने में दो प्रमुख संस्थाओं की संलिप्तता का शक है। कनाडाई कॉलेजों और बॉर्डर स्थित संस्थानों की मानव तस्करी में मिलीभगत की जांच जारी है।
नई दिल्ली,(express24news.in):
भारतीय नागरिकों की कनाडा के जरिए अमेरिका में तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। इस जांच में कनाडा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की संलिप्तता का शक जताया जा रहा है। यह मामला गुजरात के डिंगुचा गांव के चार लोगों की मौत के बाद सामने आया, जो 19 जनवरी 2022 को अवैध रूप से बॉर्डर पार करने की कोशिश में भयंकर सर्दी से मारे गए थे।
तस्करी नेटवर्क का बड़ा जाल
ईडी की जांच के अनुसार, इस रैकेट के तहत 5200 एजेंट सक्रिय हैं, जिनमें से 800 अभी भी काम कर रहे हैं। यह नेटवर्क अमेरिका में अवैध प्रवेश चाहने वाले भारतीयों से 55-60 लाख रुपये वसूलता है। इस प्रक्रिया में कनाडा के कॉलेजों में प्रवेश दिलाने के बहाने स्टूडेंट वीजा का इस्तेमाल होता है, लेकिन छात्र संस्थानों में पढ़ाई करने के बजाय अवैध रूप से सीमा पार कर अमेरिका पहुंच जाते हैं।
35,000 लोग हर साल विदेश भेजे जाते हैं
जांच के दौरान दो संस्थाओं का पता चला, जो हर साल लगभग 35,000 छात्रों को विदेशी कॉलेजों में भेजती थीं। इनमें से एक संस्था 112 कनाडाई कॉलेजों से और दूसरी 150 से अधिक संस्थानों से जुड़ी थी। इन संस्थानों की भूमिका संदेह के घेरे में है, क्योंकि ईडी के अनुसार छात्रों की फीस वापस लोगों के खातों में भेज दी जाती थी।
ईडी का एक्शन और सबूत
ईडी ने मुंबई, नागपुर, गांधीनगर, और वडोदरा में आठ जगहों पर तलाशी ली। तलाशी के दौरान 19 लाख रुपये बैंक खातों में फ्रीज किए गए, दो वाहन जब्त किए गए, और कई डिजिटल डिवाइस और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।
मानव तस्करी का आरोप
ईडी को शक है कि कनाडा-अमेरिका बॉर्डर के पास स्थित कुछ संस्थान मानव तस्करी गतिविधियों में सीधे शामिल हो सकते हैं। इन संस्थानों और तस्करी नेटवर्क की मिलीभगत की जांच जारी है।
ईडी का एक्शन
इसके अलावा, ईडी ने खुलासा किया कि 112 कनाडाई कॉलेजों का जांच के दायरे में आई एक यूनिट के साथ समझौता था, जबकि दूसरी यूनिट 150 से ज्यादा कॉलेजों से जुड़ी हुई थी। ईडी को संदेह है कि कनाडा- अमेरिका बॉर्डर के पास स्थित कुछ संस्थान सीधे तौर पर मानव तस्करी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। ईडी ने अपनी तलाशी के दौरान बैंक में जमा 19 लाख रुपये फ्रीज कर दिए, दो वाहन जब्त किए और आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए।
ऐसे की एंट्री
इन लोगों ने कनाडा के स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन किया था, लेकिन कनाडा पहुंचने पर वे संस्थानों में नहीं गए। इसके बजाय, वे अवैध रूप से सीमा पार करके अमेरिका में एंट्री कर गए। ईडी ने आरोप लगाया है कि इन कनाडाई कॉलेजों को दी गई फीस लोगों के खातों में वापस भेज दी गई, इसकी वजह से संस्थानों की मिली भगत के बारे में संदेह पैदा होता है।
यह रैकेट न केवल भारत के नागरिकों की जान के लिए खतरा है, बल्कि इसकी जड़ें भारतीय और विदेशी संस्थानों तक फैली हैं। ईडी की जांच इस जटिल नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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