हाल के वर्षों में, बॉलीवुड में महिला प्रधान फिल्मों की सफलता ने न केवल दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है, बल्कि फिल्म निर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। महिला प्रधान फिल्मों का अर्थ है वे फिल्में जिनमें महिला किरदार प्रमुख भूमिका निभाते हैं और कहानी उनके इर्द-गिर्द घूमती है। इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर न केवल बेहतरीन प्रदर्शन किया है, बल्कि समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया है।
‘स्त्री 2‘ और उसकी अप्रत्याशित सफलता
अमर कौशिक के निर्देशन में बनी ‘स्त्री 2’ एक ऐसी ही फिल्म है जिसने बॉक्स ऑफिस पर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। श्रद्धा कपूर और राजकुमार राव की मुख्य भूमिकाओं वाली इस फिल्म ने पहले ही दिन 51 करोड़ 80 लाख रुपये की कमाई की, जो कि आश्चर्यजनक था। सिर्फ़ 60 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 500 करोड़ की कमाई के साथ न केवल निर्माताओं को चौंकाया, बल्कि दर्शकों को भी स्तब्ध कर दिया। ‘स्त्री 2’ सात दिन में 400 करोड़ से ज्यादा कमाने वाली पहली बॉलीवुड फिल्म बन गई, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
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अन्य महिला प्रधान फिल्मों की सफलता
‘स्त्री 2’ की तरह, अन्य महिला प्रधान फिल्में भी हैं जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया है। संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावत’ ने पहले ही दिन 24 करोड़ रुपये की कमाई की थी। वहीं, ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ ने भी आलिया भट्ट के सशक्त अभिनय के दम पर पहले दिन 10.50 करोड़ रुपये की कमाई की थी। ‘राज़ी’, एक और आलिया भट्ट की फिल्म, जिसने पहले दिन 7.53 करोड़ की कमाई की थी, विश्व स्तर पर लगभग 200 करोड़ का कारोबार किया। इन फिल्मों की सफलता से यह स्पष्ट होता है कि दर्शक महिला प्रधान कहानियों को न केवल पसंद कर रहे हैं, बल्कि उन्हें सराह भी रहे हैं।
महिला प्रधान फिल्मों की बदलती धारणा
बॉलीवुड में महिला प्रधान फिल्मों की सफलता ने एक नई धारणा को जन्म दिया है। पहले जहां फिल्म निर्माता महिला केंद्रित कहानियों से बचते थे, वहीं अब उन्हें इन फिल्मों में संभावनाएं नजर आने लगी हैं। अनिल कपूर की बेटी रिया कपूर द्वारा निर्मित ‘क्रू’ ने भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया, और नेटफ्लिक्स पर भी सफलता अर्जित की। रिया कपूर का मानना है कि महिला प्रधान फिल्में न केवल मनोरंजन प्रदान करती हैं, बल्कि समाज को एक नया दृष्टिकोण भी देती हैं।
कंगना रनौत और उनका योगदान
कंगना रनौत ने भी महिला प्रधान फिल्मों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी फिल्म ‘तनु वेड्स मनु’ ने बॉक्स ऑफिस पर 150 करोड़ से ज्यादा की कमाई की थी। इसके बाद, ‘क्वीन’ और ‘मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी’ जैसी फिल्मों ने भी ब्लॉकबस्टर सफलता हासिल की। कंगना की इन फिल्मों ने दर्शकों को न केवल मनोरंजन प्रदान किया, बल्कि उन्हें प्रेरित भी किया।
भविष्य की दिशा
महिला प्रधान फिल्मों की सफलता से यह स्पष्ट है कि दर्शकों की पसंद बदल रही है और वे सशक्त महिला किरदारों को पर्दे पर देखना चाहते हैं। ‘द केरला स्टोरी’ और ‘वीरे दी वेडिंग’ जैसी फिल्मों ने भी बॉक्स ऑफिस पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जिससे यह साबित होता है कि दर्शक ऐसी कहानियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं जो महिलाओं की सशक्तता को दर्शाती हैं।
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आज के समय में महिला प्रधान फिल्मों की सफलता ने बॉलीवुड में एक नई क्रांति ला दी है। ये फिल्में न केवल बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, बल्कि समाज को एक नया दृष्टिकोण भी प्रदान कर रही हैं। अब समय आ गया है कि फिल्म निर्माता इस बदलती धारा को पहचानें और अधिक से अधिक ऐसी कहानियों का निर्माण करें जो महिलाओं की सशक्तता और उनके संघर्षों को सम्मानजनक रूप में प्रस्तुत करें। महिला प्रधान फिल्मों की यह लहर न केवल बॉलीवुड को एक नई दिशा दे रही है, बल्कि समाज को भी एक नई सोच की ओर प्रेरित कर रही है।