भारत के राष्ट्रीय प्रतीक हमारी पहचान और शान का हिस्सा हैं
राष्ट्रीय प्रतीक किसी भी देश की विरासत, संस्कृति, और पहचान को दर्शाते हैं। ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने के बाद, भारत ने अपनी समृद्ध विरासत, संस्कृति, और पहचान को दुनिया में प्रस्तुत करने के लिए कुछ राष्ट्रीय प्रतीकों को अपनाया। ये प्रतीक हमारी पहचान और शान का हिस्सा हैं, और इनके बारे में तुम्हें भी जरूर जानना चाहिए।
बच्चों, आजादी के बाद, एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया में अपनी पहचान स्थापित करने के लिए हमने कुछ राष्ट्रीय प्रतीकों को अपनाया। ये प्रतीक देश की गरिमा और गौरव को प्रदर्शित करते हैं, इसलिए इनके बारे में जानना आवश्यक है।
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा
हर देश का एक राष्ट्रीय ध्वज होता है, और भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हमारी पहचान और गर्व का प्रतीक है। तिरंगे की शुरुआत 1906 में हुई, जब भारत का पहला गैर-आधिकारिक ध्वज 7 अगस्त 1906 को कोलकाता में कांग्रेस के अधिवेशन में फहराया गया था। यह ध्वज स्वामी विवेकानंद की शिष्या भगिनी निवेदिता द्वारा तैयार किया गया था। कई बदलावों के बाद, वर्तमान तिरंगे को 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता दिवस पर पहली बार फहराया गया।
राष्ट्रीय गान जन-गण-मन
रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित ‘जन-गण-मन’ को 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया। यह मूल रूप से बांग्ला में लिखा गया था और बाद में इसका हिंदी अनुवाद किया गया। राष्ट्रगान के रूप में गीत के पहले पांच छंद को अपनाया गया है, जिसका गायन 52 सेकेंड में होता है।
राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम्
बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित ‘वंदे मातरम्’ को राष्ट्रगीत का दर्जा मिला है। यह गीत उनके उपन्यास ‘आनंदमठ’ से लिया गया है और 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा द्वारा राष्ट्रगीत के रूप में स्वीकृत किया गया। इसे 65 सेकेंड में गाया जाता है।
राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ
भारत सरकार ने 26 जनवरी 1950 को सारनाथ में स्थित सम्राट अशोक द्वारा निर्मित ‘सिंह स्तंभ’ को राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में स्वीकृत किया। इसमें तीन सिंह दिखाई देते हैं, जबकि मूल स्तंभ में चार सिंह हैं। चिन्ह के नीचे देवनागरी लिपि में ‘सत्यमेव जयते’ अंकित है, जो ‘मुंडकोपनिषद’ से लिया गया है।
राष्ट्रीय पर्व
स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), और गांधी जयंती (2 अक्टूबर) भारत के राष्ट्रीय पर्व हैं।
राष्ट्रीय पंचांग शक संवत
22 मार्च 1957 को शक संवत को राष्ट्रीय पंचांग के रूप में अपनाया गया। यह ग्रेगेरियन कैलेंडर के समान 365 दिन का होता है, लेकिन उससे 78 वर्ष पीछे है। इसमें 12 महीने होते हैं, जैसे चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आदि।
राष्ट्रीय पुष्प कमल
कमल, जिसे ‘नेलंबो न्यूसिफेरा गॅटर्न’ कहा जाता है, भारत का राष्ट्रीय पुष्प है। इसका भारतीय धर्म-संस्कृति में विशेष स्थान है और इसे शुभ प्रतीक माना जाता है।
राष्ट्रीय पशु बाघ
बाघ, जिसे ‘पैंथरा टाइग्रिस-लिंनायस’ कहा जाता है, भारत का राष्ट्रीय पशु है। बाघ अपनी दृढ़ता, चुस्ती-फुर्ती, और शक्ति के लिए प्रसिद्ध है।
राष्ट्रीय पक्षी मोर
मोर, जिसका वैज्ञानिक नाम ‘पावो क्रिस्टेटस’ है, भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। इसकी सुंदरता और रंग-बिरंगे पंख इसे विशेष बनाते हैं। 1962 में इसे राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया गया।
राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन
गंगा डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया है। यह स्तनधारी जंतु केवल मीठे पानी में पाया जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम ‘प्लेटेनिस्टा गेंगेटिका’ है।
ये भी जानें:
* हमारी राष्ट्रीय मुद्रा रुपया है।
* देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न है।
* हमारा राष्ट्रीय वृक्ष बरगद है।
* हाथी को राष्ट्रीय विरासत पशु का दर्जा दिया गया है।
* गंगा को राष्ट्रीय नदी का सम्मान प्राप्त है।
* भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय सैन्य सम्मान परमवीर चक्र है।
* हॉकी को राष्ट्रीय खेल का दर्जा दिया गया है।
* ‘नमस्कार’ और ‘नमस्ते’ को राष्ट्रीय अभिवादन माना जाता है।
* भारत की राष्ट्रीय मिठाई जलेबी