बलरामपुर जिले के अबुल हसन
0 1 min 3 mths

बलरामपुर जिले के अबुल हसन के जीवन में एक अद्भुत घटना घटी

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के कुसमी में रहने वाले अबुल हसन के जीवन में हाल ही में एक अद्भुत घटना घटी, जिसने सभी को हैरान कर दिया। करीब एक साल पहले, अबुल हसन ने अपनी पत्नी राबिया परवीन और दो बेटियों सिजरा और गुलस्ता का कफन-दफन किया था, जब उन्हें रायगढ़ में एक नदी से महिला और दो बच्चियों के शव मिलने की सूचना मिली थी। पुलिस ने इन शवों को राबिया और उनकी बेटियों के रूप में पहचाना, और अबुल हसन ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया।

बलरामपुर जिले के अबुल हसन

घटना का विस्तार

अबुल हसन, जो टेलर का काम करते हैं, अपने परिवार के साथ ग्राम बासेन में रहते थे। 3 अगस्त 2023 को, बिना किसी सूचना के, राबिया अपनी बेटियों के साथ घर से लापता हो गईं। पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद, गुमशुदगी की जांच शुरू हुई। 14 अगस्त को, रायगढ़ पुलिस ने पस्ता पुलिस को जानकारी दी कि देहजरी नदी में एक महिला और दो बच्चियों के शव मिले हैं। शवों की हालत इतनी खराब थी कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया, लेकिन अबुल हसन ने उन्हें अपनी पत्नी और बेटियों के रूप में स्वीकार कर लिया।

ये भी पढ़े: Farmer Suicide : महाराष्ट्र के अमरावती जिले में एक महीने में 20 किसानों ने की आत्महत्या: कर्ज चुकाने की चिंता; अवसाद से बाहर निकलने का अंतिम चरण

जीवित लौटने की घटना

करीब एक साल बाद, राबिया और उनकी बेटियां अचानक वापस लौट आईं। राबिया ने बताया कि उन्हें राजस्थान में काम का लालच देकर बंधक बना लिया गया था। वहां, उन्हें बहुत कम पैसे दिए जाते थे और उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता था। किसी तरह, राबिया ने एक अस्पताल से अपनी बहन को फोन किया, जिससे उनकी जीवित होने की खबर फैली। राबिया परवीन के अनुसार राजस्थान में वह बंधक बन गई थी जहां उसे पर्याप्त पैसे नहीं मिलते थे। ऐसे में वह भागना चाहती थी।

महिला की तबियत खराब हुई तो वह अस्पताल गई जहां किसी दूसरी महिला का मोबाइल लेकर उसने अपनी बहन को फोन किया। बहन को यकीन नहीं हो रहा था तो उसने वीडियो कॉल किया।

बलरामपुर जिले के अबुल हसन

पति से झड़गा के बाद भागी घर से

राबिया परवीन ने बताया कि घर की माली हालत ठीक नहीं थी। ऐसे में आए दिन परिवार में विवाद होता था। विवाद के कारण ही वह घर से भाग गई थी। महिला के अनुसार उसे किसी ने एक नंबर देकर बताया था कि अगर वह काम करना चाहती है तो उनसे संपर्क कर लें। महिला झगड़े के बाद घर से निकलने के बाद अंबिकापुर पहुंची जहां उक्त दलाल ने उसे कंपनी में काम दिलाने का झांसा दिया और अपने साथ राजस्थान ले गया। इस दौरान रास्ते में ही उसका मोबाइल फोन लूट लिया गया। राजस्थान पहुंचने पर महिला से खेत में काम करवाया जाता था।

ये भी पढ़े: Murder: साथी की मदद से प्रेमी को खत्म किया; लोनार झील क्षेत्र के जंगल में मिला शव: 2 आरोपी गिरफ्तार

बड़ा सवाल: आखिर किसका हुआ अंतिम संस्कार?

इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है – जिन महिला और बच्चियों का अंतिम संस्कार किया गया था, वे आखिर कौन थीं? रायगढ़ पुलिस के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती इन शवों की असली पहचान का पता लगाना है।

सवालों के घेरे में अबुल हसन

अबुल हसन ने बताया कि जब उन्हें रायगढ़ में शव दिखाए गए, तो उन्हें शक था कि ये उनकी पत्नी और बेटियां नहीं हैं। लेकिन पुलिस ने पीएम रिपोर्ट के बाद उन्हें शव सौंप दिए, और उन्होंने अंतिम संस्कार कर दिया। अबुल हसन ने उम्मीद छोड़ दी थी कि उनकी पत्नी और बेटियां कभी लौटेंगी, लेकिन जब वे वापस आईं तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

ये भी पढ़े: इन नियमों को अनदेखा करने से हो सकती है धनहानि; आर्थिक समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं, तो वास्तु के ‘इन’ नियमों को समझना और उनका पालन करना लाभकारी हो सकता है

बलरामपुर जिले के अबुल हसन

आगे की जांच

बलरामपुर के एसपी राजेश अग्रवाल ने कहा है कि इस घटना की पूरी जानकारी ली जा रही है और जीवित लौटे राबिया और उनकी बेटियों की पहचान की जांच की जा रही है। इसके साथ ही, यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वे महिला और बच्चियां कौन थीं जिनका अंतिम संस्कार हुआ था।

यह कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं है, जहां मृत समझे गए लोग अचानक लौट आते हैं। अब देखना यह है कि पुलिस इस पहेली को कैसे सुलझाती है और वास्तविकता की परतें कैसे खुलती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

जन्मदिन अस्पताल हत्या के बाद शव नींद सूर्यसेन शिक्षकों भोजन