हेयर डाई और हेयर कलर में इस्तेमाल होने वाले रसायन होते हैं खतरनाक
इन दिनों सफेद बालों को डाई करने और सामान्य बालों को रंगने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। कम उम्र में ही लोगों के बाल सफेद हो रहे हैं, और काले बालों को जवानी का प्रतीक मानते हुए, इन्हें डाई किया जाने लगा है। युवा भी बालों के सफेद होने से परेशान होकर डाई करने लगे हैं, जबकि कुछ लोग फैशन के प्रभाव में आकर बालों को कलर कर रहे हैं।
हालांकि, हेयर डाई और हेयर कलर में इस्तेमाल होने वाले रसायन बेहद खतरनाक होते हैं। ये बालों को रंगीन तो कर देते हैं, लेकिन साथ ही कई बीमारियों का खतरा भी पैदा करते हैं, जो कभी भी उभर सकती हैं। अधिकांश लोग इन रसायनों की हानिकारकता से अवगत नहीं होते, और जो जानते भी हैं, वे अनदेखी कर इनका उपयोग करते रहते हैं।
हेयर डाई में कौन से रसायन होते हैं?
हेयर डाई और कलर को स्थायी बनाने के लिए इनमें कई रसायन मिलाए जाते हैं, जिनका अपना अलग प्रभाव और दुष्प्रभाव होता है। पैराफिनाइलिन डाई एमीन (पी.पी.डी.) और अमोनिया इनमें प्रमुख होते हैं। ये रसायन बालों का रंग तो स्थायी बना देते हैं, लेकिन इन्हीं से होने वाले दुष्प्रभाव भी खतरनाक होते हैं।
हेयर डाई के दुष्प्रभाव
हेयर कलर और डाई के उपयोग से आंख, कान, सिर, और चेहरे की त्वचा पर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। त्वचा पर जलन, खुजली, लालिमा और चकत्ते जैसे लक्षण दिख सकते हैं। इसके अलावा, त्वचा कैंसर का खतरा भी रहता है। बाल काले और चमकीले तो होते हैं, लेकिन वे रूखे और कमजोर हो जाते हैं, टूटने और झड़ने लगते हैं, और गंजेपन का खतरा बढ़ जाता है। आंखों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे सूजन, लालिमा, और दृष्टिदोष जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बाल सफेद क्यों होते हैं?
पहले सफेद बालों को वृद्धावस्था की निशानी माना जाता था, लेकिन अब पौष्टिक आहार की कमी, रसायनों से प्रभावित खानपान, प्रदूषण, और मानसिक तनाव के कारण भी कम उम्र में बाल सफेद होने लगे हैं।
प्राकृतिक और सुरक्षित रूप से काले बाल कैसे पाएं?
हेयर डाई, हेयर कलर, और ब्रांडेड मेंहदी में मिले रसायन नुकसानदायक होते हैं। अगर आप सुरक्षित और प्राकृतिक तरीके से काले बाल चाहते हैं, तो पौष्टिक आहार लें, नशा और तनाव से दूर रहें, रात में बालों की जड़ों की मालिश करें, प्रदूषण से बचें, और तेज साबुन और सुगंधित तेल का उपयोग न करें। आंवला और प्राकृतिक मेंहदी का प्रयोग करें। शुगर, बीपी के मरीजों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए ये रसायन विशेष रूप से खतरनाक हो सकते हैं।
हेयर डाई के कई खतरे हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
1. त्वचा पर जलन और एलर्जी: हेयर कलर में पाए जाने वाले रसायन, जैसे पैराफिनाइलिन डाई एमीन (पी.पी.डी.) और अमोनिया, त्वचा पर जलन, खुजली, और लालिमा पैदा कर सकते हैं। इससे त्वचा पर चकत्ते और एलर्जी हो सकती है।
2. बालों का नुकसान: हेयर कलर बालों को कमजोर बना देती है, जिससे बाल रूखे और कड़े हो सकते हैं। इनके लगातार उपयोग से बालों के टूटने और झड़ने की समस्या बढ़ जाती है। काले बाल भी समय से पहले सफेद हो सकते हैं और गंजेपन का खतरा बढ़ जाता है।
3. आंखों पर असर: हेयर कलर का आंखों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इससे आंखों में सूजन, जलन, लालिमा, और दृष्टिदोष हो सकता है। कुछ मामलों में, अगर डाई आंखों में चली जाए, तो अंधेपन का खतरा भी हो सकता है।
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4. स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव: हेयर कलर में मौजूद रसायन त्वचा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं। साथ ही, इनका उपयोग करने से शुगर, बी.पी. के मरीजों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों में स्वास्थ्य समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
5. अन्य बीमारियां: डाई के रसायन सिरदर्द, चक्कर आना, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
हेयर डाई के उपयोग से पहले इन खतरों के बारे में जागरूक होना और संभव हो तो प्राकृतिक विकल्पों का उपयोग करना बेहतर है।