‘मेटा’ के साथ समझौता, संवाद दौरे और तस्करी विरोधी उपायों से राज्य में महिलाओं को राहत मिलेगी। इन प्रयासों के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को त्वरित सहायता मिलेगी और न्याय प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होगा: रूपाली चाकणकर
सांगली,(express24news.in): कोरोना काल के बाद महिलाओं और लड़कियों की तस्करी की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है। इसके साथ ही उन्हें ब्लैकमेल करने के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। इसी पृष्ठभूमि में, महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने ‘मेटा’ कंपनी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस समझौते से महिलाओं की गोपनीयता की रक्षा होगी और पीड़ित महिलाओं को न्याय पाने का रास्ता आसान होगा।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए गए किसी भी अश्लील वीडियो या फोटो पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। शिकायत दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर इन सामग्रियों को स्थायी रूप से हटा दिया जाएगा।
महिला आयोग का व्यापक संवाद कार्यक्रम
रूपाली चाकणकर ने कहा की, महिला आयोग राज्यभर की महिलाओं के साथ सीधा संवाद स्थापित करने का कार्यक्रम चला रहा है। इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं की समस्याओं की समीक्षा की गई और तत्काल समाधान किया गया। तीन जिलों का दौरा हाल ही में पूरा हुआ है। इससे पहले भी विभिन्न जिलों में दौरे के दौरान कई समस्याओं का समाधान किया गया।
मुख्य उपलब्धियां:
– तलाक के कगार पर खड़े 23 दंपतियों को काउंसलिंग के माध्यम से फिर से साथ लाने में सफलता मिली।
– 22% शिकायतों का समाधान काउंसलिंग के जरिए किया गया।
कैफे में हो रहे दुष्कर्मों पर कार्रवाई
रूपाली चाकणकर ने कहा की, राज्य में कैफे में हो रहे गैरकानूनी गतिविधियों के बारे में महिला आयोग को कई शिकायतें मिली हैं। इन घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देते हुए चाकणकर ने कहा कि इस दिशा में उचित कदम उठाए जाएंगे।
तस्करी के खिलाफ निर्णायक कदम
रूपाली चाकणकर ने कहा की, महिलाओं और लड़कियों की तस्करी की गंभीर समस्या पर महिला आयोग ने विशेष ध्यान दिया है। कोरोना के बाद महाराष्ट्र में तस्करी की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। यह समस्या बड़े शहरों में अधिक गंभीर है, जैसे मुंबई, ठाणे, पुणे और नागपुर। महिला आयोग के प्रयासों से मस्कट, ओमान और दुबई से तस्करी कर लाई गई 72 महिलाओं और लड़कियों को छुड़ाने में सफलता मिली। इन घटनाओं को पूरी तरह रोकने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है।
सावित्रीबाई फुले से प्रेरणा जारी
रूपाली चाकणकर ने कहा की, ने कहा कि बाल विवाह, दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियां आज भी समाज में व्याप्त हैं। इन समस्याओं के खिलाफ सावित्रीबाई फुले के संघर्ष से प्रेरणा लेते हुए राज्य महिला आयोग आगे बढ़ रहा है।
महिलाओं और लड़कियों के लिए न्याय की नई उम्मीद
रूपाली चाकणकर ने कहा की, ‘मेटा’ के साथ समझौता, संवाद दौरे और तस्करी विरोधी उपायों से राज्य में महिलाओं को राहत मिलेगी। इन प्रयासों के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को त्वरित सहायता मिलेगी और न्याय प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होगा।