मन
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असफल होने पर मन को मजबूत बनाए रखना बेहद जरूरी

चीन में एक प्रसिद्ध कहावत है, ‘असफलता का मतलब गिरना नहीं है, बल्कि उठने से इनकार करना है।’ इसका तात्पर्य है कि असफलता के बाद सबसे बड़ा अवरोध हमारे मन में उत्पन्न होता है। जब भी हम अपने सपनों को पूरा करने में असफल होते हैं, तो मन में नकारात्मक विचारों का एक तूफान उठता है, जिससे हमारा आत्मविश्वास कमजोर पड़ जाता है।

हम खुद को हर किसी से कमतर महसूस करने लगते हैं। खुद को अयोग्य मानने और अपनी क्षमता पर संदेह करने की यह मानसिक अवस्था एक दीमक की तरह है, जो हमें अंदर से खोखला कर देती है। इसलिए, असफल होने पर मन को मजबूत बनाए रखना बेहद जरूरी है।

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एडीसन ने दुनिया के इतिहास में अपनी उपलब्धियों का लोहा मनवाया।

महान अमेरिकी आविष्कारक, वैज्ञानिक, और बिजनेसमैन थॉमस अल्वा एडीसन का जीवन दृढ़ आत्मविश्वास और मानसिक दृढ़ता की मिसाल है। वह अपने सात भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। जब वे सिर्फ 12 साल के थे, तो उन्हें एक कान से बिल्कुल सुनाई नहीं देता था और दूसरे कान से भी बहुत कम सुन पाते थे। उन्होंने कुछ ही महीनों की स्कूली शिक्षा प्राप्त की, लेकिन बचपन से ही वे बहुत जिज्ञासु थे और अधिकांश चीजें खुद पढ़कर सीख जाते थे। पढ़ाई, लिखाई और गणित का ज्ञान उन्होंने अपनी मां से प्राप्त किया, जो एक शिक्षक थीं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ट्रेन में पेपर और सब्जियां बेचने से की थी।

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उनके हेडमास्टर ने उन्हें उनकी मां के नाम एक पत्र के साथ यह कहकर स्कूल से निकाल दिया था कि वह स्कूली शिक्षा के लायक नहीं हैं और उन्हें घर पर ही पढ़ाया जाए। लेकिन उनकी मां को अपने बेटे की क्षमता पर दृढ़ विश्वास था। उन्होंने उन्हें घर पर ही पढ़ाना शुरू किया और अंततः एडीसन ने दुनिया के इतिहास में अपनी उपलब्धियों का लोहा मनवाया।

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यह माना जाता है कि बिजली के बल्ब बनाने की प्रक्रिया में वे कई बार असफल हुए, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। इतिहास गवाह है कि उन्होंने खुद को इतना सक्षम बनाया कि पूरी दुनिया में आविष्कारों के सबसे ज्यादा पेटेंट उनके नाम हैं। असफलता और लोगों की आलोचना से वे कभी नहीं डरे और अपने टैलेंट पर विश्वास बनाए रखा।

भय पर विजय प्राप्त करना ही सफलता की पहली कुंजी

प्रसिद्ध दार्शनिक, कवि, और लेखक सूजी कासेम ने कहा था, ‘असफलता की बजाय संदेह और डर सपनों की सबसे बड़ी हत्या करते हैं।’ जब हम खुद यह मानने लगते हैं कि हम अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकते, तो जीवन में कामयाबी की सभी राहें अवरुद्ध हो जाती हैं। कहा जाता है कि आप जीवन में जो कुछ भी चाहते हैं, वह सब आपके डर के दूसरी तरफ होता है। अर्थात हमारे सपने और उनके पूरे होने के बीच यदि कोई दीवार खड़ी होती है, तो वह हमारे अंदर छिपा हुआ भय है। इस भय पर विजय प्राप्त करना ही सफलता की पहली कुंजी है। लेकिन यह कार्य आसान नहीं है।

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दृढ़ मन वाले लोग लाख मुश्किलों के बावजूद घबराते नहीं

खुद की काबिलियत पर संदेह तब शुरू होता है, जब हम किसी लक्ष्य को पाने में असफल हो जाते हैं। हमें यह लगने लगता है कि हममें कोई कमी है, जिसके कारण हम सफल नहीं हो पाए। इस तरह के सोच को बदलने की जरूरत है। क्योंकि इस सोच से आत्मविश्वास कमजोर होता है और हम आगे नहीं बढ़ पाते हैं। यदि हम मन को ध्यान से समझने की कोशिश करें, तो हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि हमारा मन हमारा सबसे बड़ा दुश्मन हो सकता है। हम मन को समझा नहीं पाते हैं, उसे नियंत्रित नहीं कर पाते हैं। मन को वश में करने की बजाय वह हमें वश में कर लेता है।

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मन जितना मजबूत होता है, हम अंदर से उतने ही मजबूत होते हैं। दृढ़ मन वाले लोग लाख मुश्किलों के बावजूद घबराते नहीं हैं और अपनी क्षमता पर संदेह नहीं करते हैं।

मन में उठे डर को भी  दूर करना होगा

महान चीनी दार्शनिक कन्फ़्यूशियस का मानना था, ‘जो व्यक्ति पहाड़ को हिला सकता है, उसकी शुरुआत छोटे-छोटे पत्थरों को हटाने से होती है।’ इस दुनिया में कुछ भी अचानक नहीं होता। मन पर नियंत्रण भी ऐसा ही कार्य है। मन को दृढ़ बनाने की शुरुआत छोटी-छोटी सकारात्मक सोच और सफलताओं से होती है। जब डर लगने लगे, या कोई नकारात्मक विचार मन में आने लगे, तो हमें उसी तरह सतर्क हो जाना चाहिए जैसे कि हम घर के सामने खड़े चोर से अपनी संपत्ति को बचाने के लिए करते हैं। हमें अपने मन में उठे डर को भी इसी तरह दूर करना होगा।

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अगर हमने एक बार मन को कमजोर करने वाले विचारों को प्रवेश करने से रोक दिया, तो हमारा आत्मविश्वास और साहस बढ़ जाता है। हम एक नए आत्मविश्वास के साथ सफल होने के लिए प्रयास करना शुरू कर देते हैं। इस प्रकार के प्रयास से हमारा विश्वास पहाड़ जैसा विशाल हो जाता है, जिसे कोई भी डर या संदेह हिला नहीं सकता, और अंततः हम जीवन में हर मुकाम को हासिल कर लेते हैं।

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मन पर नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण बातें:

1. खुद पर विश्वास रखें: किसी के बहकावे में न आएं। डर को पीछे छोड़ें और समस्याओं का साहसपूर्वक सामना करें।

2. तुलना न करें: खुद को दूसरों से तुलना करने से बचें। याद रखें, आप अद्वितीय और विशेष हैं, और आपकी प्रतिभा इस दुनिया में किसी और के पास नहीं है।

3. योग और ध्यान का अभ्यास करें: मेडिटेशन और प्राणायाम के माध्यम से मन को मजबूत बनाएं, जिससे यह आसानी से विचलित न हो।

4. अपूर्णता को स्वीकार करें: यह समझें कि कोई भी व्यक्ति पूरी तरह परफेक्ट नहीं होता, और हर किसी को किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है।

5. परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालें: लचीले बनें और समय के साथ खुद को बदलना सीखें।

6. निरंतर प्रयास करें: साधना से ही सिद्धि प्राप्त होती है। इसलिए बिना हताश हुए लगातार कोशिश करते रहें।

7. गलतियों से न डरें: गलतियों को स्वीकारें और उनसे सीखें, क्योंकि यही प्रक्रिया हमें परफेक्शन की ओर ले जाती है।

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8. आलोचनाओं का सामना करें: आलोचनाओं से घबराएं नहीं, क्योंकि वे हमें आत्मविश्लेषण का अवसर देती हैं और सही राह पर लाने में मदद करती हैं।

9. अपनी सोच से दुनिया बदलें: प्रसिद्ध बिजनेसमैन बिल गेट्स ने कहा था, “यदि आप गरीब पैदा होते हैं तो इसमें आपकी गलती नहीं, लेकिन यदि आप गरीब मरते हैं तो यह पूरी तरह से आपकी गलती है।” इसका मतलब है कि आप अपनी सोच से अपने सपनों की दुनिया का निर्माण कर सकते हैं।

10. सक्रिय रहें: लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में खुद को व्यस्त रखें। खाली मन से बचें, क्योंकि यह खतरनाक होता है।

11. मेहनत और सच्ची कोशिश पर जोर दें: केवल टैलेंट और ज्ञान महत्वपूर्ण नहीं हैं; कठिन मेहनत और ईमानदार प्रयास अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।

12. तनावमुक्त रहें: सकारात्मक विचारों पर ही ध्यान केंद्रित करें।

13. अतीत को छोड़ें: बीती हुई घटनाओं और समय पर ज्यादा ध्यान न दें, इससे तनाव बढ़ता है।

14. खुद से प्यार करें: अपने आत्मसम्मान को ऊंचा रखें और खुद को हमेशा महत्व दें।

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