बॉलीवुड
0 1 min 3 weeks

बॉलीवुड की चमक फीकी पड़ती नजर आ रही है

Why is Bollywood lagging behind? भारत में सिनेमा केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का अहम हिस्सा है। देश में कई भाषाओं में फिल्में बनती हैं, लेकिन बॉलीवुड, जिसे हम बॉलीवुड के नाम से भी जानते हैं, हमेशा से मुख्यधारा में रहा है। हालांकि, हाल के वर्षों में बॉलीवुड एक ऐसे दौर से गुजर रहा है, जहां उसकी चमक फीकी पड़ती नजर आ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण दक्षिण भारतीय फिल्मों की बढ़ती लोकप्रियता और राष्ट्रीय पुरस्कारों में उनकी प्रमुखता है।

दक्षिण भारतीय सिनेमा का उदय

हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में दक्षिण भारतीय फिल्मों का बोलबाला रहा। ऋषभ शेट्टी ने “कांतारा” के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता, और नित्या मेनन ने “मिमी” के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्राप्त किया। इस प्रकार, दक्षिण भारतीय फिल्मों ने बॉलीवुड पर बाजी मार ली।

ये भी पढ़े: Change – the formula of inspiration / बदलाव – प्रेरणा का सूत्र; जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आवश्यक है कि हम कभी हार न मानें

सिनेमा के जानकार जोइता मित्रा सुवर्णा कहती हैं, “दक्षिण की फिल्मों का बोलबाला आज इसलिए है क्योंकि वहां की कहानियाँ ज़्यादा दमदार और वास्तविक लगती हैं।” दक्षिण भारतीय सिनेमा की सफलता का मुख्य कारण है उनकी कहानियों की मौलिकता और प्रस्तुति की शैली, जो दर्शकों को नई सोच और दृष्टिकोण देती हैं।

हिंदी सिनेमा की चुनौतियाँ

दूसरी ओर, हिंदी सिनेमा की हालत कुछ अलग है। भले ही “ऊंचाई” जैसी फ़िल्में समीक्षकों द्वारा सराही गईं, लेकिन ये बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई नहीं कर पाईं। सूरज बड़जात्या की “ऊंचाई”, अमिताभ बच्चन, डैनी, और अनुपम खेर जैसे दिग्गजों के होते हुए भी दर्शकों को सिनेमाघरों तक लाने में असफल रही। यह दर्शाता है कि आज के दर्शक केवल स्टार कास्ट पर निर्भर नहीं रहते, बल्कि वे अच्छी कहानी और दमदार प्रस्तुति की मांग करते हैं।

बॉलीवुड

फिल्म आलोचक नरेंद्र गुप्ता के अनुसार, “हिंदी फिल्में अच्छी होती हैं, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर नहीं चल पातीं क्योंकि दर्शकों की पसंद बदल गई है। अब दर्शक अधिक वास्तविक और विविधता भरी कहानियों की तलाश में रहते हैं।”

ये भी पढ़े: Benefits of Rudraksha: रुद्राक्ष: आध्यात्मिकता और विज्ञान का संगम; अच्छी सेहत समेत होते हैं कई फायदे

फॉर्मूला फिल्मों की गिरती लोकप्रियता

बॉलीवुड में “मसाला” फिल्मों का एक लम्बा इतिहास रहा है, जिसमें हास्य, रोमांस, ड्रामा, और एक्शन का मिश्रण होता है। हालांकि, दर्शकों की पसंद अब बदल रही है, और वे नई और अनूठी कहानियों की खोज में हैं। उदाहरण के लिए, “स्त्री 2” जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर भले ही सफल रही हों, लेकिन वे केवल मनोरंजन के लिए देखी जाती हैं। इस तरह की फिल्मों की कहानी औसत होती है और वे लंबे समय तक दर्शकों के दिल में जगह नहीं बना पातीं।

फिल्म निर्माता करण जौहर ने इस संदर्भ में कहा, “फिल्म ‘स्त्री-2’ की सफलता दिखाती है कि अच्छी और बंधी हुई कहानियों के दम पर भी बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल की जा सकती है। लेकिन इससे यह भी साबित होता है कि बॉलीवुड को अपनी पुरानी सोच से बाहर निकलने की जरूरत है।”

दर्शकों की बदलती पसंद और OTT प्लेटफॉर्म्स का प्रभाव

पिछले कुछ वर्षों में, खासकर महामारी के दौरान, दर्शकों की पसंद में एक बड़ा बदलाव देखा गया है। OTT प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती लोकप्रियता ने दर्शकों को दुनियाभर की फिल्मों और शोज़ तक पहुँचने का अवसर दिया है। इससे हिंदी सिनेमा को एक नया प्रतिस्पर्धी माहौल मिला है। अब दर्शक केवल बड़े बजट की फिल्मों के बजाय अच्छी कहानी और दमदार अभिनय वाली फिल्मों को महत्व देते हैं।

बॉलीवुड

भविष्य की दिशा

इस सब के बावजूद, यह कहना गलत होगा कि बॉलीवुड का स्तर गिर रहा है। सिनेमा एक निरंतर विकसित होने वाली कला है, और इसे समय के साथ बदलना पड़ता है। हिंदी सिनेमा को भी दर्शकों की बदलती पसंद के अनुसार खुद को ढालना होगा। अगर कहानी और प्रस्तुति में नवीनता लाई जाए और फिल्मों में वास्तविकता और समाज की सच्ची झलक दिखाई जाए, तो हिंदी सिनेमा फिर से अपने सुनहरे दौर में लौट सकता है।

ये भी पढ़े: Bollywood 2024: कमाई में पीछे, लागत में आगे; कल्कि 2898 एडी इस साल की सुपरहिट फिल्म

हिंदी सिनेमा को अपनी पुरानी धारणाओं से बाहर निकलकर नई और मौलिक कहानियों की तलाश करनी होगी। एक समय में जिस तरह हिंदी सिनेमा ने अपनी गुणवत्ता और विविधता से दुनिया भर में पहचान बनाई थी, उसी तरह उसे अपनी जड़ें पहचानकर आगे बढ़ना होगा। यह समय की मांग है कि बॉलीवुड अपने दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतरे और फिर से अपनी पहचान को मजबूती से स्थापित करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अस्पताल हत्या के बाद शव नींद सूर्यसेन शिक्षकों भोजन अपहरण