फार्ट वॉकिंग: एक नया ट्रेंड
आज की आधुनिक जीवनशैली और बदलते खान-पान की आदतों के कारण पेट में गैस की समस्या आम हो गई है। यह समस्या ना सिर्फ असहजता पैदा करती है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकती है। पेट में गैस से निजात पाने के लिए कई लोग दवाओं का सहारा लेते हैं, जबकि इसके बजाय कुछ सरल और प्राकृतिक उपायों को अपनाकर भी इस समस्या से बचा जा सकता है। इनमें से एक नया ट्रेंड है ‘फार्ट वॉकिंग’, जो कि आपके पाचन तंत्र को मजबूत करने और गैस की समस्या से राहत पाने का एक प्रभावी तरीका है।
फार्ट वॉकिंग: एक नई अवधारणा
फार्ट वॉकिंग का नाम सुनते ही आपको अजीब लग सकता है, लेकिन यह वास्तव में बेहद लाभकारी साबित हो रहा है। इस walking का नामकरण टोरंटो (कनाडा) की कुकबुक लेखिका मर्लिन स्मिथ ने किया है। उन्होंने देखा कि खाने के बाद पेट में गैस बनती है, जिससे मुक्ति पाने के लिए वह और उनके पति हर रात डिनर के 60 मिनट बाद walking के लिए निकलते हैं। उन्होंने इसे ‘फार्ट वॉक’ नाम दिया, जो अब दुनियाभर में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
फार्ट वॉकिंग के फायदे
fart walking, ब्लोटिंग, बदहजमी, गैस, और हार्ट बर्न जैसी समस्याओं के लिए अत्यंत प्रभावी है। स्मिथ का कहना है कि भोजन के बाद अपने गार्डन या बालकनी में walking करने से पाचन क्रिया पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह walking आंतों की गैस को रिलीज करने और पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करती है।
विभिन्न अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि भोजन के बाद की walking आपके गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) ट्रैक्ट के लिए लाभकारी होती है। फार्ट वॉकिंग के दौरान भोजन के छोटे-छोटे कणों में टूटने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और पौष्टिक तत्व बेहतर तरीके से हजम हो जाते हैं। यह वॉकिंग आपके जीआई ट्रैक्ट के लिए एक प्रकार की हल्की एक्सरसाइज है, जो पाचन क्रिया को मजबूत बनाती है और पेट में गैस की समस्या को दूर करती है।
वैज्ञानिक प्रमाण और अनुसंधान
विभिन्न शोधों और अध्ययनों ने भी फार्ट वॉकिंग के फायदों की पुष्टि की है। ‘डायबिटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम एंड ओबेसिटी’ नामक पत्रिका के अनुसार, फार्ट वॉकिंग से भोजन अधिक प्रभावी ढंग से आंतों में आगे बढ़ता है। इसके अलावा, अध्ययनों से यह भी मालूम होता है कि फार्ट वॉकिंग से गैस्ट्रिक रिलीजिंग तेज हो जाती है, यानी पेट से छोटी आंत तक भोजन पहुंचाने की प्रक्रिया में तेजी आती है।
fart walking से ब्लड शुगर का स्तर भी बेहतर होता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन का सुझाव है कि रोजाना 30 मिनट की walking से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है, जो टाइप 2 डायबिटीज या इंसुलिन रेजिस्टेंस वाले व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होता है।
फार्ट वॉकिंग के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
फार्ट वॉकिंग के अधिकतम लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. समय का ध्यान रखें: खाना खाने के लगभग 40 से 60 मिनट बाद ही फार्ट वॉकिंग शुरू करें। इससे पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
2. धीरे-धीरे चलें: walking के दौरान आराम से और धीरे चलें। तेज चलने से बेचैनी उत्पन्न हो सकती है, जिससे पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है।
3. पानी पिएं: फार्ट वॉकिंग के बाद पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और खुद को हाइड्रेट रखें। इससे पाचन क्रिया को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
4. रेग्युलर वॉकिंग: फार्ट वॉकिंग को नियमित रूप से 20 से 30 मिनट तक करना चाहिए। इससे पाचन तंत्र मजबूत होगा और पेट की समस्याओं से राहत मिलेगी।
5. walking का समय: दोपहर और रात दोनों समय भोजन के बाद फार्ट वॉकिंग करना लाभदायक होता है।
6. पहनावे का ध्यान रखें: फार्ट वॉकिंग के दौरान बहुत टाइट कपड़े जैसे जींस या पैंट पर बेल्ट न पहनें, ताकि पेट पर दबाव न पड़े।
7. आरामदायक कपड़े पहनकर walking करना उचित होगा।
8. रिलैक्स्ड रहें: वॉकिंग के दौरान मन को शांत और रिलैक्स्ड रखें।
fart walking, पेट की गैस और अन्य पाचन समस्याओं से निजात पाने के लिए एक सरल और प्राकृतिक उपाय है। यह वॉकिंग न केवल पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है, बल्कि यह ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायक है। यदि इसे नियमित रूप से अपनाया जाए, तो इससे स्वास्थ्य को कई प्रकार के फायदे मिल सकते हैं। इसलिए, अगली बार जब आप खाना खाएं, तो उसके 40 से 60 मिनट बाद फार्ट वॉक के लिए निकलें और अपनी सेहत का ख्याल रखें।