अस्पताल की फीस: पुलिस ने 5 व्यक्तियों को हिरासत में लिया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और नवजात को अस्पताल से डिस्चार्ज कराने के लिए 2 साल के बेटे को बेच दिया।
पिता के पास अस्पताल का बिल भरने का पैसा नहीं था और इसी वजह से उसने कुछ लोगों के कहने पर अपना बच्चा एक दंपति को दे दिया। हालांकि बच्चों को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया, जिसमें तीन महिलाएं शामिल हैं। जिले के एसपी ने एक पुलिसकर्मी को भी लाइन हाजिर किया था।
अस्पताल ने 4 हजार रुपए मांगे थे यह घटना शुक्रवार की है। पुलिस ने बताया कि कुशीनगर जिले के बरवा पट्टी निवासी हरीश पटेल अपनी पत्नी को प्रसव के लिए उसे निजी अस्पताल ले गया था। यहां पर उसकी पत्नी ने एक नवजात को जन्म दिया। इसके बाद अस्पताल ने 4 हजार रुपये मांगे पैसा देने में असमर्थ पिता से अगल-बगल के लोगों ने एक बेटे को एक दंपति को गोद देने के लिए कहा।
पीड़ित पिता ने मजबूरी में 20 हजार रुपये के बदले अपने बच्चों को उस दंपति को सौंप दिया। इसके अलावा, उसने फर्जी गोदनामा पर हस्ताक्षर किए और बेटे को बेचने के लिए भी सहमति व्यक्त की।
सिपाही की जांच की जा रही है
इलाके के सिपाही सूर्यभान पर रुपये लेने का आरोप लगा है। एसपी ने उसे लाइन हाजिर कर दिया है। उसकी जांच की जा रही है। पुलिस मामले में निजी और अवैध अस्पताल चलाने वाली तारा कुशवाहा, और अस्पताल में काम करने वाली सुगाती देवी, दलाल अमावस यादव, बच्चे को खरीदने वाले भोला यादव और भोला यादव की पत्नी कलावती देवी को हिरासत में लिया है। पुलिस ने बताया कि भोला यादव ने बच्चे के बदले 20 हजार रुपये दिए थे और उसकी पत्नी ने बच्चे को छुपा कर रखा था।
जब पुलिस ने गोदनामे की जांच की तो यह फर्जी पाया गया। यह सादे कागज पर बना दस्तावेज था और केवल हरीश पटेल का ही बयान इस पर लिखा गया था। हरीश के अंगूठे का निशान भी लगाया गया था।