गरुड़ पुराण
0 1 min 4 weeks

गरुड़ पुराण: किस पर आधारित है भविष्य की भविष्यवाणी?

मनुष्य का शरीर, उसकी बनावट, और शारीरिक लक्षण उसके भविष्य और स्वभाव का अनुमान लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गरुड़ पुराण और ज्योतिष शास्त्र में इस विषय पर गहराई से चर्चा की गई है। शरीर की संरचना और लक्षणों के आधार पर मनुष्य की जीवनशैली, धन-धान्य, और उम्र का निर्धारण किया जा सकता है।

गरुड़ पुराण

1. राजा समान पुरुषों के लक्षण

भगवान श्रीहरि गरुड़ पुराण में बताते हैं कि निम्नलिखित शारीरिक लक्षण वाले पुरुष श्रेष्ठ राजा या उच्च वर्ग के व्यक्ति माने जाते हैं:
– हाथ और पैर:
– तलों में पसीना न हो।
– कमल के अंदर के भाग के समान कोमल और खून के समान लाल।
– अंगुलियां:
– सटी हुई और सुंदर।
– नाखून:
– तांबे के रंग के समान हल्के लाल।
– पांव:
– सुंदर, नसों से रहित, और कछुए के समान उन्नत।
– शरीर:
– कम रोम वाले, जिनके रोम छिद्रों से केवल एक-एक बाल निकलते हों।
इन लक्षणों से युक्त व्यक्ति को राजा या महान व्यक्ति कहा जाता है।

यह भी पढ़े: happy birthday: जन्मदिन पर आप भी तो नहीं करते हैं ये गलतियां?

2. दरिद्र और दुखी लोगों के लक्षण

– हाथ-पैर:
– पीले रंग के।
– नाखून:
– सफेद रंग के।
– पांव:
– नसों से भरे हुए और सूप के समान चपटे।
– अंगुलियां:
– दूर-दूर।
– शरीर:
– रोम छिद्रों से तीन-तीन बाल निकलते हों।
– कमजोर और मांस रहित।
इस प्रकार के लोग अक्सर दरिद्र, दुखी, और रोगग्रस्त होते हैं।

गरुड़ पुराण

3. आयु का निर्धारण

गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति की आयु का अनुमान उसके ललाट (माथे) की रेखाओं के आधार पर लगाया जा सकता है:
– 70 वर्ष की आयु:
– ललाट पर कान तक फैली हुई दो विस्तृत रेखाएं।
– 60 वर्ष की आयु:
– ललाट पर तीन विस्तृत रेखाएं।
– 40 वर्ष की आयु:
– ललाट पर कोई रेखा न हो।
– 100 वर्ष की आयु:
– ललाट पर त्रिशूल या फरसे के समान चिन्ह।

यह भी पढ़े: बदलते समय में ब्रह्ममुहूर्त में से अब केवल ‘मुहूर्त’ रह गया है, और ‘ब्रह्म’ कहीं खो गया है

4. दीर्घायु और अकाल मृत्यु

– दीर्घायु:
– जिनके हाथ में आयु रेखा स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
– अकाल मृत्यु:
– जिनके ललाट पर टूटी हुई या छिन्न-भिन्न रेखाएं होती हैं।

5. पेट के आकार से व्यक्तित्व का आकलन

– जिनका पेट सपाट होता है, वे भोग-विलास में समृद्ध होते हैं।
– जिनका पेट सांप के समान या बाहर की ओर निकला होता है, वे दरिद्र हो सकते हैं।

गरुड़ पुराण और ज्योतिष शास्त्र व्यक्ति के जीवन की गहराइयों को समझने का एक माध्यम प्रस्तुत करते हैं। यह हमें सिखाता है कि हमारे शरीर के लक्षण और बनावट न केवल हमारी शारीरिक स्थिति को दर्शाते हैं, बल्कि हमारे भाग्य, स्वभाव, और जीवन की दिशा का भी संकेत देते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये सभी बातें संभावनाओं पर आधारित हैं, और कर्म का महत्व हमेशा सर्वोपरि रहता है।

यह भी पढ़े: Effect of Pitra Dosh: व्यक्ति के कर्ज में डूबने के कारण और निवारण: पितृ दोष का प्रभाव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कनाडा छात्रा हरियाणा के पंचकूला में रेस्टोरेंट में डंपर लूटेरी दुल्हन गिरफ्तार रूपाली चाकणकर छात्रा